Hi Friends!!
This blog is nothing but just an attempt to pass my spare time. In straight words, I am trying to pass my boredom to the blog. Boriyat Is Guaranteed. So, go through this at your own RISK!!
HAPPY READING!! :)

Thursday, October 23, 2014

तुम दूर चले..













तुम दूर चले, अति-दूर चले,
फिर तुम पर, स्वार्थ तुम्हारा हावी था|

सुध रही नही तुम्हे, तुम्हारे प्रियतम की,

बालों की, घरवालों की|
तुम छोड चले, आँखों मे आँसू छोड़ चले,
फिर तुम पर, क्रोध तुम्हारा हावी था|
तुम दूर चले..

सहारे थे तुम, प्राणों से प्यारे थे तुम,

नूर भारी आँखों के तारे थे तुम|
पर ममता का दिल तोड़ चले, बूढ़े की लाठी तोड़ चले,
फिर तुम पर, जुनून तुम्हारा हावी था|
तुम दूर चले..

ना तुम जीते, ना वो कारण हारा,

हारा महज़ तुम्हारा धीरज था|
तुम हार चले, सब हार चले,
फिर तुम पर प्रतिशोध तुम्हारा हावी था|
तुम दूर चले..

उस दर्द से थोड़ा लड़ लेते,

सही ग़लत की दुविधा थी तो, राह ग़लत ही चुन लेते|
किसी ग़लत कर्म की ग्लानि थी तो, पश्चाताप की अग्नि जल लेते|
किसी के प्रेम मे दिल जो टूटा था, तो प्रेम बिना ही जी लेते|
पर तुम घुटने टेक चले, परिस्थितियों के आगे घुटने टेक चले..


Monday, March 18, 2013

क्यूँ?



सवाल है, कि महज़ सवाल ही क्यूँ हैं,
कोई जवाब क्यूँ नहीं, मेरे पास.
शिक़ायत है, कि महज़ शिकायतें ही क्यूँ हैं,
किसी के लिए तारीफ क्यूँ नहीं ,मेरे पास.


Thursday, July 19, 2012

ज़िंदगी तुझे समझना इतना मुश्किल क्यूँ है....


जीते भी तुझे हैं, जीते भी तेरे लिए हैं, फिर भी
ज़िंदगी तुझे समझना इतना मुश्किल क्यूँ है..
समझने की कोशिश ना करूँ, मन नहीं मानता
और तुझे समझ पाऊँ, ये तू होने नहीं देती..
दिल के दरवाज़े खोलूं अगर, तो पलट कर कोई देखता तक नही,
जो बंद कर लूँ, तो दस्तकें जीने नही देती..
ज़िंदगी तुझे समझना इतना मुश्किल क्यूँ है....